आज का दिन कैसे बीतना चाहिए ? हम इस दिन में क्या-क्या हासिल कर सकते हैं ?
जिस दिन हर्ष हो, खुशी हो, हृदय में तसल्ली हो, आशा हो, वह दिन सचमुच में धन्य है।
कितना सुंदर यह आज का दिन है! आज के दिन तो यह स्वांस भी है, यह जीवन भी है, यह हृदय भी है! मैं आज के दिन की बात कर रहा हूँ। मैं जीवन की बात नहीं कर रहा हूँ। मैं आज के दिन की बात कर रहा हूँ, क्योंकि वे सब 'आज' करके ही आयेंगे। कल, परसों, नरसों करके नहीं आएंगे, 'आज' करके आएंगे, ‘आज' बनेंगे।
जिस दिन हर्ष हो, खुशी हो, हृदय में तसल्ली हो, आशा हो, वह दिन सचमुच में धन्य है। उस दिन हृदय में आनंद है, आशा है, खुशी है, मौके हैं, हम सब उन मौकों का पूरा-पूरा फायदा उठा सकते हैं। अगर यह बात है तो आज का दिन धन्य हो गया।
आज का दिन कैसे बीतना चाहिए ? हम इस दिन में क्या-क्या हासिल कर सकते हैं ? कैसे इस दिन को सफल कर सकते हैं ? क्या इन चीज़ों का हमको ज्ञान है ? अगर नहीं है तो यह बड़ी खतरनाक बात हो गयी है! आप बस में जा रहे हैं और कोई ऐसा आदमी, जिसको बस चलानी नहीं आती है, परन्तु वह बस चला रहा है और बस खूब तेज चल रही है। अगर आपको कहीं पता लग गया कि ड्राइवर को बस चलाना नहीं मालूम है तो क्या आपको डर नहीं लगेगा ? अगर 'आज का दिन' एक बस है और आप स्टीयरिंग व्हील के पीछे बैठे हैं तो मैं आपसे पूछता हूँ कि क्या आपको इस 'आज रूपी बस' को चलाने का ज्ञान है ?
आपके जीवन में जितने भी दिन आएंगे, वे सब 'आज' करके आयेंगे। कितना सरल कर दिया है, जैसे स्वांस लेना! आपको कुछ करने की जरूरत नहीं है। अपने आप आयेगा, अपने आप जायेगा। आपके लिए उस हर एक स्वांस के आने-जाने में क्या छिपा है? आपके लिए हर एक 'आज' के आने-जाने में, हर एक स्वांस में छिपी है — सच्ची शांति!
यह जो मौका मिला है, इसको अपनाइये। यह जो स्वांस मिला है, इसको अपनाइये। आप उस शांति की जगह में जाइये और एक-एक स्वांस में लीन हो जाइये। शांति का अनुभव करके अपने जीवन को सफल बनाइये। जब आप अपने हृदय को शांति से भर लेंगे तो यह दिन कहीं नहीं जा सकता। आज के दिन को सफल कीजिये। यह जो हर एक स्वांस का उपहार मिल रहा है, हर एक स्वांस के अंदर जो शांति छिपी है, इसको स्वीकार कीजिये।
- श्री प्रेम रावत