संगीत –
मुमकिन है, मुमकिन है, मुमकिन है, मुमकिन है
हर डगर सफर ढूंढे दिल मुकाम जो
मिल जाये यूं हीं कहीं, मुमकिन है
रंग इश्क का रंग देता है रूह को
चाहे फासलें भी हों, मुमकिन है
पुरुष: कहीं न कहीं अंदर कुछ अकेलापन-सा हमेशा लगता है, सबकुछ होने के बावजूद भी।
महिला: आजकल फिज़िकल वर्क से ज्यादा मेंटल वर्क है। इस दुनिया में हमें जितना अपना माइंड यूज़ करना पड़ रहा है, उसके लिये हमें एक बहुत ही पॉज़िटिविटी और पीस की जरूरत है।
महिला: शांति जो है वो हमारे जीवन में बहुत जरूरी है। हम यह मानेंगे इसके बगैर हमारा जीवन जो है वह अधूरा है।
महिला: मैं किसी भी कौस्ट पर अपनी शांति — मन की जो है न, खोने नहीं देती।
प्रेम रावत:
अगर तुम्हारे जीवन की शांति बिखर गयी तो तुम भी बिखर जाओगे और जिस दिन तुम्हारे इस जीवन के अंदर शांति आ जायेगी, तुम भी पूरे हो जाओगे।
संगीत –
हर डगर सफर ढूंढे दिल मुकाम जो
मिल जाये यहीं कहीं, मुमकिन है
रंग इश्क का रंग देता है रूह को
चाहे फासलें भी हों, मुमकिन है
जो मिले वो अपना रहे, सदियों तक रहे, मुमकिन है
मोती-सी हूं मैं अगर, मुमकिन है तो यहां, मंजर प्यार भरा मुमकिन है . . .
पुरुष: हर एक कौम के लिए शांति आजकल बहुत जरूरी है। हर-एक भागम-भाग में लगा हुआ है। कोई अपने बारे में नहीं सोच रहा।
पुरुष: Success means peace, peace in your life. If you are living peacefully, तो आप अच्छे से आराम से रह रहे हो।
पुरुष: बगैर शांति के कुछ भी नहीं है, जीवन अधूरा है।
महिला: अगर हरेक मुहल्ले में से कोई भी समझदार होता है, तो वो सबको समझा सकता है, तो इससे पूरे विश्व में, संसार में शांति रहेगी।
प्रेम रावत:
जहां हृदय खुश है, शांत है, अंदर शांति है, वहां स्वर्ग है।
संगीत –
देखो जुगनू को अंधेरों में, रोशनी कैसे मिल जाती है
आसमां की गोदी से चलकर, ये घटाएं कहां जाती हैं
जो वो आसमां ए रूका बस वहां
जो ये मुमकिन तो सब मुमकिन है
मुमकिन है, मुमकिन है, मुमकिन है, मुमकिन है . . .
पुरुष: जिंदगी में कभी भी आशा नहीं छोड़नी चाहिए। कभी भी कोई नेगेटिव फीलिंग को अंदर ना आने देना, वही पीस है।
महिला: जब आप मेंटल पीस में होंगे तब आपको पता चलेगा क्या चीज सही है और क्या चीज गलत है। तभी आप डिसीज़न ले पायेंगे।
पुरुष: पीस अंदर, अंदर पड़ी है आपके, बाहर नहीं है। जो बाहर ढूंढेगा उसको नहीं मिलने वाली।
प्रेम रावत:
संभावना क्या हो सकती है ?
संभावना तो यह है कि तुम यह जीवन सुख और चैन से जीयो। दिन और रात शांति का अनुभव करो। ना एक दिन और की आशा हो, ना एक दिन कम की निराशा हो। और चैन, सुकून, शांति से यह जीवन बीते, यह संभावना है।
संगीत –
बूंदें गिरती हैं जो छम से, फिर जाने कहां जाती हैं
तितलियां उड़ती हैं साथ में, लेकिन कुछ आगे निकल जाती हैं
गर सोच से आगे हम चलें, नामुमकिन भी तो मुमकिन है
मुमकिन है, मुमकिन है, मुमकिन है, मुमकिन है...
मुमकिन है, मुमकिन है, मुमकिन है...।
Text on screen: शांति मुमकिन है . . .