एक झलक:
ऐंकर : इसी चीज से, आपकी बात से मेरे दिल में एक सवाल है। आपने शायद उसका लगभग उत्तर दिया। पर मैं उस चीज को और भी विस्तार से जानना चाहूंगा। जरूरी क्या है कि पैसे कमाकर मैं अपनी सारी इच्छाएं पूरी करूं या फिर अपनी इच्छाओं को खत्म कर एक संतुष्ट जीवन बिताऊं ?
प्रेम रावत जी : देखिए! ये सवाल जो आपने किया है, ये भी बहुत महत्वपूर्ण सवाल है। क्योंकि बहुत लोग ये पूछते हैं। इसमें एक गलतफहमी है कि आप अपनी इच्छाओं को पूरी कर पाएंगे। यह आपकी गलतफहमी है! आपकी इच्छा कभी पूरी नहीं होंगी। क्योंकि जो एक रुपया कमाता है, उसके लिए दस बहुत है।
ऐंकर : हां! सही कहा।
प्रेम रावत जी : जो दस कमाता है, उसके लिए सौ चाहिए। जो सौ कमाता है, उसके लिए हजार चाहिए। और जो हजार कमाता है, उसके लिए लाख चाहिए। और जो लाख कमाता है, उसके लिए दस लाख चाहिए। और अगर आपको कोई इस बात में ऐसा लगता है कि ये बात सही नहीं है तो आप दुनिया को देख लीजिए।
ऐंकर : मतलब, point of satisfaction है ही नहीं।
प्रेम रावत जी : है ही नहीं।
ऐंकर : Infinity, मतलब, बढ़ता ही जाएगा, बढ़ता ही जाएगा।
प्रेम रावत जी : बढ़ता ही जाएगा, बढ़ता ही जाएगा! अगर आपके पास कार नहीं है, स्कूटर नहीं है, साइकिल नहीं है और आप पैदल चलते हैं तो कितना — आप सोचते होंगे— लोग सोचते हैं — कितना अच्छा हो, बाइसिकिल हो जाए! जिसके पास बाइसिकिल है, वो सोचता है — कितना अच्छा हो, स्कूटर हो जाए! जिसके पास स्कूटर है, वो — कितना अच्छा हो, मोटरसाइकिल हो जाए। जिसको मोटरसाइकिल है — कार हो जाए। कार है तो — फिर बड़ी कार हो जाए, फिर बड़ी कार हो जाए, फिर बड़ी कार हो जाए, फिर बड़ी कार हो जाए, बड़ी .........
ऐंकर : ऐसे में कहां रुका जाए कि नहीं यार! मैं ये नहीं..... मतलब, एक फुलस्टॉप कहां लगे लाइफ में कि यार! ये नहीं, आगे नहीं ? आगे जितना बढ़ोगे, बढ़ते जाओगे!
प्रेम रावत जी : नहीं, पर बात ये है — जो गलतफहमी की बात जो मैं कह रहा था — एक तो लोगों की गलतफहमी है कि कहीं अगर इसी सीढ़ी पर चलते रहे तो कहीं satisfaction में पहुंच जाएंगे। ये होगा नहीं। दूसरी गलतफहमी ये है कि या तो ये है, या फिर अंदर की शांति है। दोनों नहीं।
ऐंकर : दोनों कभी एक साथ नहीं हो सकती है।
प्रेम रावत जी : दोनों कभी एक साथ नहीं होते, ये गलतफहमी है। क्योंकि आप जो भी करना चाहते हैं बाहर, वो करिए। वो करिए! और जो अंदर की बात है, वो अंदर की बात है। और जबतक आपके अंदर वो सुकून नहीं होगा, जबतक आपके अंदर वो शांति नहीं होगी तो बाहर चाहे कोई भी वातावरण हो, आप शांत नहीं रहेंगे।