नए साल के लिए हम सभी की ये ख़्वाहिश हो, कि हमारे जीवन में हमारा बंटवारा न हो, पर आनंद हो। कि हम सब एक साथ आगे बढ़ पाएं।
साल-दर-साल हम बाहरी चीजों पर ही ध्यान देते रहते हैं जिन्हें हम बदलना चाहते हैं। हमारी धारणा है कि अगर चीजें हमारे अनुकूल होती,तो हम खुश होते। पर जिस खुशी की हमें तलाश है वह बाहर नहीं मिलेगी — वह हमारे भीतर मौजूद है।
एक बहुत ही विशेष नव वर्ष के प्रसारण में, प्रेम हमें एक नए तरह का संकल्प लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। यह संकल्प केवल हमारे लिए नहीं है और न ही यह हमारी धारणाओं पर आधारित है बल्कि यह एक बेहतर दुनिया और बेहतर भविष्य के लिए है — एक ऐसा संकल्प जो हमारे हृदय से आता है।
सभी लोगों को नए साल की मुबारकबाद देना चाहता हूँ मैं।
नया साल आ रहा है, और इस साल में लोगों की ख़्वाहिशें हैं कि कुछ ऐसा होना चाहिए, कुछ ऐसा होना चाहिए। परन्तु एक ख़्वाहिश हृदय की भी है। और जो हृदय की ख़्वाहिश है, अगर उसको हम किसी तरीके से पूरा कर पायें, क्योंकि उस हृदय की ख़्वाहिश में है शांति। उस हृदय की ख़्वाहिश में है सच्चा प्यार, उस हृदय की ख़्वाहिश में है आनंद। कैसा आनंद? परमानन्द का आनंद कि हमारे जीवन के अंदर हम उन चीज़ों का अनुभव कर पाएं, जो सचमुच में असली हैं, जो वास्तविकता रखती हैं।
बहुत कुछ होता है बाहर। हम अखबार पढ़ते हैं, आजकल अखबारों की कमी नहीं है। न्यूज़ की कमी नहीं है, जहां देखो न्यूज़ आ रही है। पहले तो यह था कि सबेरे का अखबार सबेरे पढ़ते थे, शाम का अखबार शाम को पढ़ते थे। अब जो नई-नई devices हैं, उनमें सारे दिन खबर आ रही है। तो ऐसी दुनिया के अंदर अगर कोई चाहे भी, तो क्या उसकी चाहत होनी चाहिए नए साल के लिए ? कि हमारे जीवन में आनंद हो। बंटवारा न हो हमारा। हमारे जीवन में आनंद हो, और हम सब मनुष्य जो इस पृथ्वी पर हैं, एक साथ होकर के आगे बढ़ पाएं। ताकि इसमें सभी का भला हो।
आजकल लोगों का भला, लोग सिर्फ इसी दृष्टि से देखते हैं कि "हमारा भला कैसे हो?" दूसरे का भला नहीं। परन्तु वो भला, जो हमारा भी भला हो और दूसरों का भी भला हो। वो है असली भला। और वही, उसी की ख़्वाहिश हृदय को है।
तो अगर ये हमारी चाहतें रहीं अगले साल के लिए, तो इसमें हमारी भी उन्नति होगी, और सारे संसार की भी उन्नति होगी। और यही कहकर के मैं... आप सभी लोगों को, ये wish करना चाहता हूँ कि नया साल जो आ रहा है, इसमें आपकी बहुत उन्नति हो, आपके जीवन के अंदर प्यार बढ़े, आपके जीवन के अंदर शान्ति बढ़े, और आपके जीवन के अंदर आनंद ही आनंद हो।
- प्रेम रावत