प्रेम रावत:
मूल चीज यह है कि आपके अंदर भी स्वांस है और मेरे अंदर भी स्वांस है। आप भी जीवित हैं और मैं भी जीवित हूँ। आपको भी मौका मिला है और मुझको भी मौका मिला है। क्योंकि अगर किसी चीज को परखना है तो हमें उस क्षेत्र में अनुभवी होना पड़ेगा।
सब घोड़ा नहीं खरीद सकते। क्योंकि मालूम नहीं है कि क्या देखना है। सब लोग हाथी नहीं खरीद सकते जिसको हाथी के गुणों का ज्ञान है कि ऐसा उसका कद होना चाहिए, ऐसे उसके दांत होने चाहिए, वे लोग ही हाथी खरीद सकते हैं। कई बार मैंने देखा है कि लोग घोड़ा खरीदने के लिए जाते है तो घोड़े के मुँह को खोलते हैं, दांत देखते हैं। उन दांतों में वे क्या देखते हैं, मुझको यह नहीं मालूम, पर वे लोग मुँह खोलते हैं, दांत देखते हैं। वे लोग घोड़े का पैर उठाते हैं, नीचे देखते हैं। मैंने देखा हुआ है कि कैसे खरीदते हैं। वह सब काम मैं कर सकता हूँ, परन्तु घोड़े के कितने दांत होने चाहिए, उसके क्या गुण हैं, यह मुझे नहीं मालूम।
अन्य चीजों को छोड़िये। कोई कहता है, "हम तो शास्त्रों के ज्ञानी हैं।" एक मिनट के लिए वह बात छोड़िये, क्योंकि जो शास्त्रों का ज्ञान रखता है, उसको भी तो जीना है। जब हर एक को जीना है तो क्या अपने जीवन में हमको 'जीने' का ज्ञान है ?
यह जो स्वांस आ रहा है, यह साधारण चीज नहीं है। यह सबसे मूल्यवान चीज है। अगर आपके पास एक हीरा है और आप जानना चाहते हैं कि उस हीरे की कीमत क्या है तो यह जानने के लिए आप किसके पास ले जायेंगे ? जिसको परख है, जो उसकी कीमत जानता हो, जो उसको देख सकता हो, जो उसको देखकर यह बता सके कि यह असली है या नकली है। आपके पास भी स्वांस रूपी हीरा बनाने वाले की दया से आता है। क्या आपको परख है कि कैसे परखा जाता है यह स्वांस रूपी हीरा ? यह स्वांस रूपी हीरा जो आपको मिला है, क्या आपको उसकी परख है ? अगर उसकी परख नहीं है तो होनी चाहिए। इतनी कीमती चीज आ रही है और आपको परख नहीं है तो कहीं न कहीं गड़बड़ है।
यह जो मौका मिला है, इसको तो अपनाइये! यह जो स्वांस मिला है, इसको तो अपनाइये! देखिये! दीये में जो घी है, जो तेल है उसके कारण प्रकाश है। असली में तो वह घी या तेल जल रहा है। बत्ती तो उसको सींच रही है। क्या चीज है, जो असली है जिसके कारण आप ‘आप’ हैं ? उस चीज को मत भूलिए। यह स्वांस रूपी जो तेल है, स्वांस रूपी जो घी है, यह जल रहा है। जिस दिन यह चला जायेगा, उस दिन सबकुछ खत्म! यह जो हर एक स्वांस का उपहार मिल रहा है, हर एक स्वांस के अंदर जो शांति छिपी है, इसको स्वीकार कीजिये और इसका आनंद लीजिये।